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इंदौर.
खेती किसानी करने वाले सूर्यप्रकाश गौड़ ने कभी सोचा नहीं था कि एक दिन उनका बेटा न केवल उनका बल्कि पूरे गांव और प्रदेश का नाम रोशन करेगा. बुधवार का दिन सूर्यप्रकाश के साथ ही उनके बेटे त्रिलोचन गौड़ के लिए खुशियां और उत्साह से भरा था. एमपीपीएससी २०१५ के फाइनल रिजल्ट में उन्होंने सेकंड रैंक हासिल की. पिता को जब त्रिलोचन ने बताया कि उनका डिप्टी कलेक्टर बनने का सपना पूरा हो गया है तो पिता की आंखें खुशी से झलक आईं. पूरे परिवार में खुशी की लहर दौड़ गई.

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पिता करते हैं खेती
शिवपुरी के कोलारस में रहने वाले त्रिलोचन गौड़। पेशे से किसान हैं और मध्यमवर्गीय परिवार से हैं. खेती करके ही बच्चों को पढ़ाया लिखाया. तीन बहनों में इकलौते त्रिलोचन ने शुरू से ही अधिकारी बनकर समाज की सेवा करने की ठान ली थी. त्रिलोचन की छोटी बहन शैलजा मध्य प्रदेश पुलिस में सब इंसपेक्टर हैं और वर्तमान में ग्वालियर में पदस्थ हैं.

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वर्दी पहनने का शौक भी करूंगा पूरा
त्रिलोचन ने इलाहबाद से बीटेक की पढ़ाई पूरी करने के बाद कुछ दिनों तक बड़ौदरा में रिलायंस इंडस्ट्रीज में जॉब की. लेकिन यह उन्हें पसंद नहीं आई. उनका लक्ष्य तो कुछ और ही था. वर्ष 2012 में पहली बार पीएससी की परीक्षा दी और नायब तहसीलदार के पद पर सिलेक्ट भी हो गए. लेकिन उनका सपना तो डिप्टी कलेक्टर बनने का था. वर्ष 2013 में फिर एमपीपीएससी की परीक्षा दी और महिला सशक्तीकरण के पद पर सिलेक्ट हो गए.

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वे नहीं रुके और 2014 में डीएसपी के पद पर सिलेक्ट हुए और 2015 में सेकंड रैंक के साथ डिप्टी कलेक्टर बने. त्रिलोचन के अनुसार अभी वह नायब तहसीलदार की ट्रेनिंग पूरी कर सेवा कर रहे हैं. उनका डीएसपी का जब कॉल आएगा तो उसकी वे ट्रेनिंग करेंगे और ड्रेस पहनने का शौक भी पूरा करेंगे. बाद में जब डिप्टी कलेक्टर का आदेश आएगा तो वे अपना सपना पूरा करेंगे.

बता दें कि mppsc ने 400 से अधिक पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया पूरी कर रिजल्ट घेाषित किया है. एमपीपीएससी ने 2015 की मुख्य परीक्षा 12 अप्रैल 2016 को आयोजित कराई थी. जबकि इंटरव्यू आयोग ने अभी हाल ही में लिए थे. इसके बाद बुधवार को आयोग ने रिजल्ट की घोषणा की.

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