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नई दिल्ली. अगर खेती को सही ढंग से किया जाए और खुद किसान सीधे उपभोक्ताओं तक पहुंचे तो निश्चित ही खेती फायदे का सौदा साबित हो सकती है। ऐसा हम नहीं कह रहे हैं बल्कि आजकी हमारी कहानी कह रही है। आज हम आपके सामने लेकर आए हैं ऐसे ही दो भाईयों की कहानी जो कि एक बडी कंपनी में कार्य करते थे लेकिन उनकी खेती किसानी से लगाव उन्हें अपने पैतृक गांव खींच लाई और यहां न केवल उन्होंने खेती की बल्कि अपने उत्पादों को एक ब्राड बनाकर लोगों के सामने पेश किया। आज उनकी कंपनी सिर्फ देश ही नहीं बल्कि विदेशों में अपने उत्पादों को बेच रही है। हम बात कर रहे हैं(Two Brothers Organic Farm) टू ब्रदर्स ऑर्गेनिक फार्म की। कंपनी को दो भाई आंजिक्य और सत्यजीत हंगे ने खडा किया।

सत्यजीत ने yourstory को दिए साक्षात्कार में बताया कि वह सिटी बैंक में कार्य कर रहे थे और आंजिक्य के साथ कार्य कर रहे थे। कुछ समय तक कॉर्पोरेट की नौकरी करने के बाद एहसास हुआ कि हम ऐसा नहीं करना चाहते। बडे शहरों में रहने के बावजूद उनकी लगाव अभी भी अपने गांव और खेतों से था।

2013 में छोडी नौकरी

मन में कुछ करने की ललक के चलते दोनों भाईयों ने साल 2013 अपनी कॉर्पोरेट की नौकरी छोड दी। इसके बाद अपने पिता के साथ खेती का निर्णय लिया लेकिन पिता नहीं चाहते थे कि उनके बेटे खेती करें। दरअसल उन्हें पता था कि खेती में निश्चतता नहीं है और आर्थिक परेशानी भी रहती है। इन सबके बावजूद दोनों भाईयों ने मिलकर 2014 में टू ब्रदर्स ऑर्गोनिक फार्म की शुरूआत की।

दूसरों से अलग था मॉडल

आंजिक्य और सत्यजीत बताते हैं कि उनका मॉडल दूसरों से अलग था। वह किसान के साथ ही एक निर्माता भी थे। दरअसल उन्होंने एक ऐसी कंपनी बनाई जो कि खेती में बीज बोने से लेकर उनके उत्पाद बनाकर उपभोक्ताओं तक पहुंचाने का कार्य कर रही थी।

ऑर्गेनिक खेती को दिया बढावा

Two Brothers Organic Farm की स्थापना के साथ ही आंजिक्य और सत्यजीत ने ऑर्गेनिक खेती शुरू की। उन्हें ऑर्गनिक खेती के नए नए तरीके सीखे और उनका अपने खेतों में प्रयोग किया। धीरे धीरे उन्होंने घी, मोरिंगा पाउडर, तेल और लड्डू बनाने की शुरूआत की। आज उनकी कंपनी देश के 642 शहरों में अपने बने उत्पाद बेच र ही है। उनकी लोकप्रियता के चलते ही उन्होंने वित्त वर्ष 2021 में उनकी कंपनी ने 12 करोड का कारोबार किया।

किसानों को देते हैं प्रशिक्षण

आंजिक्य और सत्यजीत अपने खेतों में ऑर्गेनिक फसलों को तो उगाते ही है साथ ही वह किसानों को इसके लिए प्रशिक्षित भी करते हैं। उनके साथ ही सैकडों किसान भी जुडे हैं जो कि उनसे सीख कर ऑर्गनिक खेती कर रहे हैं।

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