वैज्ञानिकों को मिला 25 करोड़ साल पुराने मच्छर का जीवाश्म!
यह अध्ययन करता है विली ऑनलाइन लाइब्रेरी में प्रकाशित किया गया है जो इस आकृति के बारे में बताता है। बहुत पुराना पोटेशन अपने आप में बहुत महत्वपूर्ण है। हमारी सहयोगी वेबसाइट की रिपोर्ट पढ़ने के अनुसार, कहा गया है कि यह वैज्ञानिक ये जान वापस लेने की संभावना हो सकती है कि लाखों साल पहले जब पृथ्वी से लगभग 80 प्रतिशत जीवों का विनाश हो गया था तो बाकी बची 20 प्रतिशत प्रजातियां अपने आप को उस विनाश से कैसे बचाकर रखा और पृथ्वी पर कैसे जीवन के साथ आगे मिलेंगे।
यह कुटकी डाइपिट्रान्स जैसे व्याधियों के समूह से संबंध रखता है। इस समूह में मक्खियां, मच्छर, छोटी कीट और कुटकी आते हैं। इसके लारवा के बारे में कहा गया है कि यह लकड़ी के कुटकियों से संबंधित है। हो सकता है कि यह आधुनिक जीव-जंतुओं की तरह ही सांस लेता हो। इससे पहले जो स्पेसिमेन मिला था वह भी फ्रांस में पाया गया था। लेकिन वह कुछ लाख साल पीछे था। यानी कि यह कुट का रूप अब तक का सबसे पुराना रूप सिद्ध हो सकता है।
अध्ययन से जुड़े शोधकर्ता जोसेफ जूरेज ने चित्र विज्ञान से जुड़े एक सर्वेक्षण के दौरान इसे पाया है। यह मॉलोर्का ने नाथ पूर्व में पाया है। उन्हें यह पूरे लारवा के रूप में मिला। कहा जा रहा है कि चट्टान जब दो हिस्सों में टूट जाती है तो वह अपने दोनों तरफ अपने निशान या प्रिंट छोड़ देती है।
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