शिक्षा की असमानता मिटाएगी नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी
ग्वालियर.
शिक्षा के क्षेत्र में हम बहुत पीछे हैं. देश में टॉप संस्थान गिने चुने हैं. इनमें सभी स्टूडेंट्स को पढ़ाई का अवसर नहीं मिल सकता. लेकिन नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी के माध्यम से देश के किसी भी कौने में बैठा छात्र टॉप संस्थान के प्रोफेसर का स्टडी मेटेरियल पढ़ सकता है. इसके अलावा लाखों बुक्स डिजिटल
लाइब्रेरी पर अपलोड की गई हैं. यह बात नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी के प्रोजेक्ट को लीड कर रहे खडग़पुर आईआईटी के डॉ. पीपी दास ने the interview से बातचीत के दौरान कही.
लाखों बुक्स, जर्नल्स, नोट्स उपलब्ध
नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी (एनडीएल) के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि योजना की शुरूआत हो गई है. इसमें बुक्स के साथ ही नोट्स अपलोड किए गए हैं. अभी तक इसमें 65 लाख कंटेंट अपलोड हो चुका है. जिसे इस साल के अंत तक 1 करोड करने की योजना है. जिसमें वीडियो, ऑडियो लेक्चर भी उपलब्ध रहेंगे. देश के जो टॉप प्रोफेसर या स्कूल टीचर हैं अब उनकी पहुंच सिर्फ एक संस्थान या स्कूल तक न होकर पूरे देश में होगी.
4 लाख यूजर
एनडीएल से कोई भी स्टूडेंट्स जुड़कर इसका लाभ ले सकता है. उन्होंने कहा कि यूजर के लिए दो ऑप्शन रखे गए हैं.एक व्यक्तिगत है और दूसरा संस्थान का। व्यक्गित यूजर कोई भी स्टूडेंट्स बन सकता है. वर्तमान में 4 लाख यूजर हैं जिन्हें साल के अंत तक 10 लाख करने का टारगेट रखा गया है. फिलहाल यह तीन भाषाओं में हैं. जिसमें बांगला, हिन्दी और अंगे्रजी है. आगे तमिल, मलयालम और गुजराती के लिए काम कर रहे हैं.
कुछ मेटेरियल फ्री तो कुछ की देना होगी फीस
डॉ. पीपी दास ने कहा कि एनडीएल के लिए देश के संस्थानों से बात चल ही रही है कि वे इसमें पार्टिसिपेट करें. इसके अलावा पब्लिशर्स से भी बात हो रही है. इस योजना का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि स्टूडेंट्स को क्या पढऩा है यह उन्हें पता होगा. वर्ना अभी तक तो छात्रों को यह ही पता नहीं होता कि उन्हें क्या पढऩा है. एनडीएल में जो भी कंटेंट है उसमें से कुछ तो फ्री रहेगा कुछ के लिए पब्लिसर्श को फीस देना होगी. कुछ पब्लिसर्श के मेटेरियल को केन्द्र सरकार ने सब्सक्रिब्शन फ्री दे दिया है.
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