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नई दिल्ली.
देश के मेडिकल संस्थानों में प्रवेश के लिए शुरु किये गए सिंगल एंट्रेंस टेस्ट neet की तर्ज पर ही अब इंजीनियरिंग में प्रवेश के लिए सिंगल एंट्रेंस टेस्ट होगा. मानव संसाधन विकास मंत्रालय यानी HRD मिनिस्ट्री ने इंजीनियरिंग और आर्किटेक्‍चर कोर्सों में अंडर ग्रेजुएट लेवल पर सिंगल एंट्रेस लिए जाने की अनुमति दे दी है. सूत्रों के अनुसार, ये नई प्रक्रिया अगले साल यानी 2018 से आरंभ हो सकती है. इस सिंगल एंट्रेंस प्रक्रिया के माध्‍यम से देशभर के 3 हजार सरकारी और प्राइवेट कॉलेजों में एडमिशन दिया जाएगा. ये परीक्षा एक साल में कई बार आयोजित की जाएगी.
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केंद्र ने ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन यानी AICTE से कहा है कि वे AICTE एक्‍ट में बदलाव के लिए प्रपोजल तैयार करे. उनसे ये भी कहा गया है कि वे सुनिश्चित करें कि टेस्‍ट का स्‍तर अच्‍छा हो, साथ ही वे भाषायी विविधता का भी ध्‍यान रखें.
एचआरडी मिनिस्ट्री ने एआईसीटीई से भाषाई विविधता को ध्यान में रखते हुए परीक्षा की प्रक्रिया तैयार करने को कहा है. एआईसीटीई के सूत्रों ने बताया कि नीट की तरह ही इसका भी कई भाषाओं में एग्जाम होगा। इस साल नीट का 10 भाषाओं में आयोजन होगा.
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देश में 3288 कॉलेज
मौजूदा समय में कई राज्य अपना अलग इंजिनियरिंग टेस्ट आयोजित करते हैं या दाखिला 12वीं क्लास के मार्क्स के आधार पर होता है. पांच राज्यों के इंजिनियरिंग कॉलेज जेईई (मेंस) में प्राप्त अंकों के आधार पर दाखिला देते हैं. 27 राज्यों में कुल 3,288 इंजिनियरिंग कॉलेज हैं. सबसे ज्यादा 527 कॉलेज तमिलनाडु में हैं, फिर महाराष्ट्र में 372, आंध्र प्रदेश में 328, उत्तर प्रदेश में 295 और मध्य प्रदेश में 211 इंजिनियरिंग कॉलेज हैं.
मंजिलें उन्हीं को मिलती है, जिनके सपनों में जान होती है…

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