चार दोस्तों ने मिलकर देखा ईको फेंडली ट्रांसपोर्ट का सपना होगा साकार
ग्वालियर.
देश ही नहीं विश्व ग्लोबल वार्मिंग की समस्या से जूझ रहा है और इसका मुख्य कारण है पर्यावरण असंतुलन. अगर इससे बचना है तो हरियाली ही एकमात्र विकल्प है. यह अटल बिहारी वाजपेयी इंस्टीट्यूट ऑफ इनफॉर्मेशन टेक्नालॉजी एंड मैनेजमेंट में पढ़ाई करने वाले चार दोस्त अच्छी तरह से जानते थे. देश में स्मर्ट सिटी बनाने की कवायद भी जोरों पर थी.
इन सबके बीच इन दोस्तों ने सपना देखा कि अगर स्मार्ट सिटी बनाना है तो उसके लिए स्मार्ट ट्रांसपोर्ट जरूरी है. चारों ने मिलकर ग्रीन सोसायटी एंड ईको फ्रेंडली ट्रांसपोर्ट सिस्टम का सपना देखा. अब यह सपना हकीकत में बदलने जा रहा है. उनके आइडिया स्टार्ट अप में कन्वर्ट हो गया है. दिल्ली और गुजरात के दो इन्वेस्टर्स ने उनके स्टार्ट अप को फंड किया है. जल्द ही अहमदाबाद के मेहसाना में ईको फ्रेंडली बैट्री से चलने वाले वाहनों का प्रोडक्शन शुरू हो जाएगा.
स्मार्ट सिटी ने दिया आइडिया
स्मार्ट सिटी के कॉन्सेप्ट को लेकर एबीवी ट्रिपल आईटीएम में पढऩे वाले सुयष सिंह, संदीप कुमार, पुरनेन्दु सिन्हा और अंकुर माथुर को मन में
ख्याल आया कि स्मार्ट सिटी कॉन्सेप्ट तभी सही मायने में पूरा हो सकता है जब ट्रांसपोर्ट भी स्मार्ट होगा. इस पर उन्होंने काम करना शुरू किया.
उन्होंने इसकी शुरुआत की कैंपस में पड़ी एक पुरानी कार से. उन्होंने इस कार को इलेक्ट्रीफाई कर बैट्री चलित बना दिया.
इसमें मिली सफलता के बाद वे यहीं नहीं रुके उन्होंने शहर में चल रहे विक्रम थ्री व्हीलर्स को भी बैट्री चलित बनाने के लिए प्रशासन से बात की. इसके लिए एक डिमोंस्ट्रेशन भी प्रशासनिक अधिकारियों को दिया. इसके बाद उन्होंने एक कंपनी रजिस्डर्ट की जिसका नाम रखा ग्रीनोवेटर्स मोटर्स वर्क प्रा.लि., उन्होंने अपने आइडिया का प्रजेंटेशन कई जगह दिया. अभी हाल ही में दिल्ली और गुजरात के इनवेस्टर ने उनके प्रोजेक्ट को फंड किया है.
पहली खेप में 200 व्हीकल
ग्रीनोवेटर्स के फाउंडर सीईओ सुयश सिंह ने बताया कि दिल्ली के सौरभ सिंह एवं गुजरात के मनन पटेल ने उनके आइडिया में इन्वेस्ट किया है. इसके साथ ही उन्हें कार्य को बढ़ाने के लिए दिल्ली और अहमदाबाद में ऑफिस भी उपलब्ध कराया है. सुयश सिंह ने बताया कि कंपनी की प्रोडक्शन यूनिट मेहसाना में बनाई जा रही है. इसका कार्य शुरू हो गया है. जल्द ही यहां प्रोडक्शन शुरू भी हो जागएा.यूनिट में एक वर्ष में 500 ईको फ्रेंडली व्हीकल तैयार किए जाएंगे. फिलहाल उन्होंने 200 व्हीकल दिसंबर तक तैयार होने की बात कही है.
200 किमी तक चलेगा
इन व्हीकल्स की खासियत यह रहेगी कि एक बार बैट्री चार्ज होने पर 200 किमी चलेंगे. इसके लिए हैवी बैट्री लगाई जाएगी। यह अन्य वाहनों की तुलना में इकॉनमिक भी होगी. बैट्री को पूरा चार्ज करने पर 6 यूनिट खर्च होगी. एक यूनिट बिजली 7 रुपए की है इस हिसाब से देखें तो महज 42 रुपए में वाहन 200 किमी तक चलेगा. व्हीकल में लीथियम बैट्री उपयोग की गई है जिसके कारण यह बहुत जल्दी चार्ज होगी. वाहन की मेक्सिमम स्पीड 55 किमी/घंटा की रहेगी.
मेड इन इंडिया
व्हीकल को डवलप करने के लिए उपयोग होने वाले कल पुर्जों को इंडिया के मेन्युफेक्चरर्स से ही खरीदा जा रहा है. इसके अलावा कुछ पार्ट जरूर बाहर
से मंगाना पडेंगे लेकिन उन्हें असेंबल इंडिया में ही किया जाएगा. इस तरह से पूरी तरह से यह व्हीकल मेड इन इंडिया ही रहेगा. जिससे इसकी कीमत भी बहुत किफायती रहेगी.
ग्वालियर को मिलेगा पहला मौका
सुयश सिंह ने बताया कि कंपनी द्वारा दिसंबर तक 200 यूनिट ईको फ्रेंडली व्हीकल बनाने का टारगेट रखा गया है. कंपनी ग्वालियर की है इसलिए पहला जो प्रोडक्शन होगा उसकी सप्लाई ग्वालियर में की जाएगी.
थ्री व्हीलर्स को कनवर्ट करेंगे बेट्री में
सुयश ने आगे एक्सपेंशन के बारे में बताया कि कंपनी द्वारा नए ईको फ्रेंडली व्हीकल के प्रोडक्शन के साथ ही शहर में जो पुराने विक्रम थ्री व्हीलर्स चल रहे हैं उन्हें बैट्री में कन्वर्ट किया जाएगा. इनमें किट के जरिए बदलाव किया जाएगा. पायलट प्रोजेक्ट में १०० टेंपो को कन्वर्ट करेंगे.
-अगर आपके पास भी कोई स्टार्ट अप से जुड़ी कहानी है तो हमें जरूर भेजे.
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This is a great news for Gwalior as well as for other cities. We definitely need eco-friendly vehicles so that our future generation can live in pollution free air.
Congratulations to these four young men.
Thanks a lot Ms. Ranjana. This works as a motivation for team.