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नई दिल्‍ली. Kisse Caribbean Cricket ke: भारत और वेस्‍टइंडीज (India vs West Indies) के बीच क्रिकेट सीरीज वैसे तो दोस्‍ताना माहौल में खेली जाती रही है लेकिन वर्ष 1975-76 की टेस्‍ट सीरीज का अपवाद माना जा सकता है. इस सीरीज के चौथे टेस्‍ट में कैरेबियन गेंदबाजों ने ऐसा ‘खूनी खेल’ खेला था कि प्रमुख भारतीय बैटर बुरी तरह घायल हुए थे और दूसरी पारी (21 से 25 अप्रैल 1976) में बैटिंग के लिए नहीं आ सके थे. दूसरी पारी में 5 विकेट पर 97 के स्‍कोर पर ही भारतीय पारी पर ‘विराम’ लग गया था और बाकी  पांच बैटरों के नाम के आगे Absent hurt लिखना पड़ा था.

वेस्‍टइंडीज के तेज गेंदबाजों की चौकड़ी माइकल होल्डिंग, वेन डेनियल, बेरनाड जूलियन और वेनबर्न होल्‍डर की चौकड़ी ने इस टेस्‍ट में भारतीय बैटरों के विकेट के बजाय बॉडी को टारगेट किया था और अंशुमन गायकवाड़, गुंडप्‍पा विश्‍वनाथ और ब्रजेश पटेल बुरी तरह से चोटग्रस्‍त हुए थे.

उस समय की मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, गायकवाड़ के कान और ब्रजेश पटेल के मुंह में चोट लगी थी जबकि विश्‍वनाथ की उंगली टूट गई थी. ये तीनों बैटर चोटिल होने के कारण जबकि कप्‍तान बिशन सिंह बेदी और भगवत चंद्रशेखर, विपक्षी गेंदबाजों के कहर से बचने के लिए दूसरी पारी में बैटिंग के लिए ही नहीं उतरे थे. क्रिकेट का यह वो दौर था जब बाउंसर को लेकर नियम नहीं थे और हेलमेट भी प्रचलन में नहीं था. ‘रक्‍त रंजित’ इस टेस्‍ट को इंडीज ने 10 विकेट से जीतकर सीरीज पर 2-1 से कब्‍जा किया था.

यह था कैरेबियन टीम की ‘बॉडीलाइन बॉलिंग’ का कारण
दरअसल, कैरेबियन तेज गेंदबाजों ने इस टेस्‍ट में ‘सबक’ सिखाने के इरादे से भारतीय बैटर्स की बॉडी को टारगेट करते हुए गेंदें फेंकी थी. पोर्ट ऑफ स्‍पेन में हुए सीरीज के तीसरे टेस्‍ट ( 7-12 अप्रैल 1976) में भारतीय टीम ने चौथी पारी में 403 रन का टारगेट चार विकेट खोकर हासिल करते हुए वेस्‍टइंडीज के घमंड को चूर-चूर कर दिया था.इस टेस्‍ट की इंडीज टीम में तेज गेंदबाज के तौर पर जूलियन और होल्डिंग ही शामिल थे जबकि स्पिनर के रूप में अल्‍बर्ट पेडमोर, जुल्फिकार अली और आर. जुमादीन टीम में थे. स्पिनरों की भरमार वाले इस आक्रमण की दूसरी पारी में भारतीय बैटरों ने जमकर खबर ली थी.

सुनील गावस्‍कर ने 102, मोहिंदर अमरनाथ ने 85 और गुंडप्‍पा विश्‍वनाथ ने 112 रन बनाए थे और भारत ने टारगेट 4 विकेट खोकर हासिल कर लिया था. भारत की इस जीत से बौखलाकर इंडीज टीम ने किंग्‍स्‍टन टेस्‍ट में चार तेज गेंदबाजों को टीम में स्‍थान दिया था और भारतीय बैटर्स को निशाना बनाने की रणनीति बनाई थी.

सीरीज 2-1 से जीता था वेस्‍टइंडीज

चार टेस्‍ट की इस सीरीज के अंतर्गत ब्रिजटाउन का पहला टेस्‍ट वेस्‍टइंडीज ने एक पारी और 97 रन से जीता था. पोर्ट ऑफ स्‍पेन का दूसरा टेस्‍ट ड्रॉ रहा था जबकि तीसरा टेस्‍ट 6 विकेट से टीम इंडिया के नाम रहा था.किंग्‍स्‍टन की तेज गेंदबाजों के मददगार पिच पर हुए चौथे टेस्‍ट में ‘खूनी खेल’ खेलते हुए इंडीज ने 10 विकेट से जीत हासिल की थी और सीरीज अपने नाम कर ली थी.

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