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नई दिल्ली.
सफलता और इनोवेशन में उम्र कभी बाधा नहीं बन सकती. अगर आपके पास आईडिया है और विजन है तो किसी भी उम्र में सफलता आपके कदम चूम सकती है. कुछ ऐसा ही करके दिखाया है 23 साल के OYO rooms के फाउंडर और मालिक रितेश अग्रवाल ने.

सभी की तरह रितेश के माता पिता की भी ख्वाइश थी की वो आईआईटी में दाखिला लें और इंजीनियर बनें. रितेश भी कोटा, राजस्‍थान में रह कर आईआईटी एंट्रेस एग्‍जाम की ही तैयारियों में जुटे थे. रितेश ने मेहनत भी की.

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पर रितेश अपने आइडियाज और वीजन ko पूरा होता देखने के लिए इंतजार नहीं करना चाहते थे. उन्‍होंने IIT की तैयारी छोड़कर अपने बिजनेस की तैयारी शुरू कर दी. रितेश का आईडिया उनकी ही एक हॉबीज में से उन्हें मिला था.

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दरअसल 19 साल के रितेश अग्रवाल महीनों घूमते और बजट होटल में रुकते, ताकि वहां की तमाम चीजों के बारे में जान सकें. अपने अनुभव के बल पर रितेश ने अपने पहले स्‍टार्ट-अप यात्रा की शुरुआत की.

रितेश ने स्टार्ट अप के तौर पर एक वेबसाइट तैयार की. जहां वो सस्‍ते और किफायती होटल्‍स के बारे में जानकारी देते थे. इस वेबसाइट का नाम रखा ‘ओरावल’.

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कुछ दिनों तक वेबसाइट चलाने के बाद रितेश को लगा कि लोग शायद नाम के चलते वेबसाइट को समझ नहीं पा रहे हैं. इसलिए उन्‍होंने साल 2013 में उसका नाम बदल कर OYO Rooms कर दिया. इसके बाद तो मानो उनका बिज़नेस चल निकला। उनके इस आईडिया पर ही सॉफ्टबैंक ग्रुप, ग्रीनओक्स सहित कई कंपनियों ने निवेश किया है.

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रितेश महज 23 साल में ही करोड़ों की कम्पनी के मालिक बन चुके हैं. द न्‍यूयॉर्क टाइम्‍स की CB Insights ने OYO Rooms को उन कंपनियों में रखा, जो भविष्‍य में सफलता का परचम लहरा सकती हैं. रितेश अग्रवाल को साल 2013 में Thiel Fellowship के ’20 अंडर 20′ के लिए चुना गया था.

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