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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी को अगले साल के अंत तक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम की सौगात मिल सकती है और इसके लिए करीब 31 काश्तकारों से जमीन खरीद ली गयी है. एक बयान के मुताबिक यह स्टेडियम पूर्वांचल ही नहीं बल्कि इससे सटे हुए बिहार, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ के युवा खिलाड़ियों के हुनर को निखारने का भी बेहतरीन केंद्र बनेगा. वाराणसी में विश्व स्तरीय क्रिकेट स्टेडियम का प्रस्ताव पहले से था लेकिन समस्या जमीन की थी.

डिजाइन को दिया जा रहा अंतिम रूप

प्रदेश के अपर मुख्य सचिव (खेल एवं युवा कल्याण) नवनीत सहगल ने बताया कि सरकार की ओर से जमीन उत्तर प्रदेश क्रिकेट संघ (यूपीसीए) को सौंपी जा चुकी है. उन्होंने बताया कि लार्सन एंड टुब्रो (एलएंडटी) को इसकी कार्यदायी संस्था बनाया गया है और डिजाइन को अंतिम रूप दिया जा रहा है. इस पूरी प्रक्रिया में सितंबर 2022 से तेजी आयी. जमीन की खरीद के लिए 120 करोड़ रुपये का बजट कैबिनेट से मंजूर होने के बाद करीब 31 काश्तकारों से जमीन खरीदी गयी.

बीसीसीआई करेगा संचालन

सभी अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस यह उत्तर प्रदेश का पहला क्रिकेट स्टेडियम होगा जिसका संचालन बीसीसीआई (भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड) करेगा. दीर्घकालिन लीज के तहत वह हर साल इसके एवज में एक तय रकम भी सरकार को देगा. सूत्रों के अनुसार करीब 31 एकड़ के विस्तृत परिसर पर बन रहे इस स्टेडियम के निर्माण में करीब 350 करोड़ रुपये की लागत आयेगी. इसकी दर्शक क्षमता करीब 30 हजार होगी.

यूपी ने देश को कई क्रिकेटर दिये

सहगल ने कहा कि यूपी से सुरेश रैना, चाइनामैन गेंदबाज कुलदीप यादव, लेग स्पिनर पीयूष चावला, तेज गेंदबाज प्रवीण कुमार, बल्लेबाज मोहम्मद कैफ जैसे नामचीन खिलाड़ी निकले हैं. उन्होंने कहा कि वाराणसी का स्टेडियम भावी पीढ़ी के प्रतिभावान युवा क्रिकेटरों को निखारने का जरिया बनेगा.

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