सरकारी नौकरी छोड़ कर रहे एलोवेरा की खेती, कमा रहे लाखों
ग्वालियर.
पढ़ लिखकर सरकारी जॉब करने की तमन्ना हर किसी की होती है लेकिन मध्य प्रदेश के भिंड जिले के रामप्रकाश सिंह कुशवाह ने इसे गलत साबित कर दिया. सरकारी नौकरी छोड़ कूद पड़े खेती करने. परिजनों ने रोका भी लेकिन वे नहीं मानें. आधुनिक तकनीक से खेती कर लाभ का धंधा बनाने की मन में ठान ली थी. बस फिर क्या वर्ष २०१३ में धार में सरकारी नौकरी छोड़ वापस भिंड आ गए और खेती किसानी शुरू कर दी.
रामप्रकाश सिंह जब कृषि विभाग की नौकरी छोड़कर घर आए तो परिजनों ने नाराजगी जाहिर की और कहा कि गलत कर रहे हो. लेकिन रामप्रकाश सिंह मन में ठान चुके थे. पहले उन्होंने दो बीघा खेत में अमरूद की बाग तैयार किया इससे उन्हें लाखों में कमाई हुई. अब वे एलोवेरा की खेती कर रहे हैं. दूसरे किसानों को भी इसके लिए प्रेरित कर रहे हैं.
रामप्रकाश सिंह बताते हैं कि पारंपरिक खेती से किसानों को खर्च निकालना भी मुश्किल हो जाता है लेकिन ऐलोवेरा में मुनाफा अच्छा है.
जब उन्होंने पिता को बताया कि वे एलोवेरा की खेती करना चाहते हैं तो पिता ने जमीन नहीं दी तो उन्होंने दूसरे लोगों से किराए पर खेत लिया और खेती की. जब फसल हुई और फायदा हुआ तो फिर पिता ने भी अपनी जमीन दे दी. अब वे किसानों के साथ कॉन्ट्रेक्ट खेती कर रहे हैं. इसमें वे किसानों के साथ फसल खरीदने का कॉन्ट्रेक्ट करते हैं. वे किसानों को बीज भी उपलब्ध कराते हैं.
एलोवेरा की बढ़ी डिमांड
देश में एलोवेरा की डिमांड बीते कुछ सालों में बहुत बढ गई है. बाजार में एलोवेरा का जूस, पल्प आदि कई तरह के उत्पाद मिलते हैं. एलोवेरा की लोकप्रियता बढ़ाने का श्रेय पतंजलि को जाता है. एलोवेरा को पतंजलि सहित कई कंपनियां खरीदती हैं. देश की नहीं एलोवेरा की डिमांड विदेशों में भी बहुत है.
रामप्रकाश सिंह ने मुनाफे के बारे में बताया कि एक हेक्टेयर में एलोवेरा की खेती कर किसान ४ लाख रुपए तक कमा सकते हैं. वर्तमान में उनके साथ कई किसान जुड़ चुके हैं और लगभग ८५० बीघा में एलोवेरा की खेती करवा रहे हैं.
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